प्राधिकरण के विषय मे
हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत राज्य स्तर पर गठित एक वैधानिक निकाय है। इसका उद्देश्य समाज के कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों को निःशुल्क और सक्षम कानूनी सेवाएँ प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक या अन्य अभावों के कारण न्याय से वंचित न रहे।.
माननीय न्यायमूर्ति श्री गुरमीत सिंह संधावालिया, मुख्य न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक हैं, तथा माननीय न्यायमूर्ति श्री विवेक सिंह ठाकुर, न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की नीतियों और अधिदेश के कार्यान्वयनकर्ता के रूप में, लोक अदालतों का आयोजन करता है, वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्रों को बढ़ावा देता है, और कानूनी जागरूकता एवं आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करता है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि कानूनी प्रणाली का संचालन समान अवसर और समावेशिता के आधार पर न्याय को बढ़ावा दे।