सुश्री विजयलक्ष्मी
सिरमौर, जिला नाहन, हिमाचल प्रदेश के गांव देवका पुरला में जन्मीं। उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय, नाहन से अपनी प्रारंभिक शिक्षा और +2 पूरी की और वर्ष 1994 में पास की। इसके पश्चात सरकारी डिग्री कॉलेज, नाहन से B.Sc. (मेडिकल) में स्नातक किया और वर्ष 1997 में उत्तीर्ण हुई। इसके बाद 2001 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की। साथ ही बी.एड. और M.A. (अंग्रेजी) भी H.P. विश्वविद्यालय से पूरी की और 2008 तक विज्ञान शिक्षिका के रूप में सेवा की।
सन् 2008 में हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा में सिविल जज-सह-जेएमआईसी के रूप में चयनित हुईं और फरवरी 2009 में शिमला में पद ग्रहण किया। शिमला में तीन वर्षों की सेवा पूर्ण करने के बाद कसौली में स्थानांतरित हुईं। वर्ष 2014 में बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश में सिविल जज-सह-जेएमआईसी के रूप में स्थानांतरित हुईं और 05.05.2016 तक वहीं कार्यरत रहीं।
इसके पश्चात 12-05-2016 से 28-12-2018 तक वरिष्ठ सिविल जज-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अंब, जिला ऊना के रूप में कार्य किया। 29-12-2018 को स्थानांतरण पर वरिष्ठ सिविल जज-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, पांवटा साहिब, जिला सिरमौर का कार्यभार संभाला। इसके बाद 16.08.2021 को जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, कांगड़ा में सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण किया और 06.04.2023 तक वहीं कार्यरत रहीं।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं।