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    बालक सम्बन्धी योजनाएँ

    कानून से संघर्षरत बच्चों, देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों और पोक्सो अधिनियम, 2015 के तहत अपराधों के पीड़ितों के लाभ के लिए योजनाएं और कार्यक्रम

    कानून से संघर्षरत बच्चों, देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2015 के तहत पीड़ितों के कल्याण और पुनर्वास के लिए तैयार की गई विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की सूची नीचे दी गई है।

    प्रत्येक योजना का संक्षिप्त विवरण अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में दिया गया है, साथ ही नामित अधिकारियों के नाम और संपर्क विवरण भी दिए गए हैं, जिनसे सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है और इन पहलों का लाभ उठाया जा सकता है।

    मिशन वात्सल्य – सावधानं संरक्षणम

    भूमिका

    मिशन वात्सल्य – सावधानं संरक्षणम भारत सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत शुरू की गई एक बाल संरक्षण योजना है। इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य बाल शोषण, शोषण और उपेक्षा के मुद्दों को संबोधित करके देश भर में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

    प्रमुख विशेषताऐं

    1. रोकथाम और संरक्षण: यह योजना बाल दुर्व्यवहार और शोषण को रोकने पर ध्यान केंद्रित करती है और घरों, स्कूलों और समुदायों सहित विभिन्न स्थितियों में बच्चों को नुकसान से बचाने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है।
    2. जागरूकता और संवेदनशीलता: इस योजना का उद्देश्य समुदायों, परिवारों और बच्चों के बीच उनके अधिकारों और बाल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह बाल संरक्षण मामलों पर कानून प्रवर्तन, शिक्षकों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों जैसे विभिन्न हितधारकों को संवेदनशील बनाने पर भी काम करता है।
    3. कानूनी ढांचा और प्रवर्तन: मिशन वात्सल्य का उद्देश्य बाल दुर्व्यवहार के अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कानूनी प्रणालियों को मजबूत करना है, साथ ही बाल-अनुकूल कानूनी प्रक्रियाओं की वकालत करना है।
    4. बच्चों के लिए सहायता सेवाएं: यह योजना दुर्व्यवहार या शोषण के शिकार बच्चों के लिए पुनर्वास, परामर्श और पुनः एकीकरण कार्यक्रम जैसी सहायता सेवाएं प्रदान करती है।
    5. सहयोग: यह योजना बाल संरक्षण पहलों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग से काम करती है

    कुल मिलाकर, मिशन वात्सल्य के अंतर्गत सावधानं संरक्षणम, बच्चों के अधिकारों की रक्षा, प्रभावित बच्चों को पुनर्वास प्रदान करने तथा आगे शोषण या दुर्व्यवहार को रोकने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण है।

    पात्रता

    1. वे बच्चे जो अनाथ, परित्यक्त या आत्मसमर्पित हैं।
    2. कानून से संघर्षरत बच्चों जिन्हे पुनर्वास और पुनः एकीकरण की आवश्यकता है।
    3. सड़क पर रहने वाले बच्चे, बाल मजदूर, तथा तस्करी या दुर्व्यवहार से बचाए गए बच्चे।
    4. विकलांग बच्चे जिन्हें विशेष सुरक्षा और देखभाल की आवश्यकता होती है।
    5. प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं या सामाजिक-आर्थिक कमज़ोरियों से प्रभावित बच्चे।
    6. आश्रय गृह, पर्यवेक्षण गृह या विशेष गृह जैसे बाल देखभाल संस्थानों (CCI) में रहने वाले बच्चे।

    लाभ

    1. आपातकालीन आउटरीच और सहायता: चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) और आपातकालीन बचाव कार्यों तक पहुंच।
    2. संस्थागत तथा गैर-संस्थागत देखभाल: बाल देखभाल संस्थानों या पालन-पोषण देखभाल, प्रायोजन और पश्चात देखभाल सेवाओं में स्थानन।
    3. स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहायता: प्रभावित बच्चों के लिए परामर्श, चिकित्सा देखभाल और आघात सहायता।
    4. शिक्षा एवं कौशल विकास: बच्चों को स्वतंत्र जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने हेतु शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और जीवन कौशल के लिए समर्थन।
    5. पुनर्वास और पुनः एकीकरण: दुर्व्यवहार के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए संरचित कार्यक्रम और जहां भी संभव हो, परिवार आधारित पुनः एकीकरण की सुविधा।
    6. कानूनी और सामाजिक सुरक्षा:  कानूनी सहायता, बाल-अनुकूल प्रक्रियाओं के लिए वकालत, तथा किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों के तहत मामले की निगरानी।
    7. निर्माण एवं प्रशिक्षण:  बाल संरक्षण में शामिल देखभालकर्ताओं, अधिकारियों और हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम।

    योजना दस्तावेज़

    मिशन वात्सल्य के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश – हिंदी संस्करण।

    इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना

    भूमिका

    इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना ​ हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दिसंबर 2024 में शुरू की गई एक सामाजिक कल्याण योजना है, जिसका उद्देश्य विधवा, तलाकशुदा, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को शिक्षा और आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

    उद्देश्य

    1. वित्तीय सहायता: विधवाओं, निराश्रित महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता के परिवारों के बच्चों को मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    2. शैक्षिक सशक्तिकरण: उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन और छात्रावास व्यय को कवर करके शिक्षा तक पहुंच को सुगम बनाना।
    3. बाल संरक्षण: कमजोर परिवारों को सहायता देकर बाल शोषण, तस्करी और बाल विवाह को रोकना।​
    4. समावेशिता: विकलांग माता-पिता वाले परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना, विकलांगता और गरीबी के बीच संबंध को पहचानना।​

    पात्रता

    1. हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी।
    2. वार्षिक पारिवारिक आय ₹1 लाख से कम।
    3. पात्र परिवारों के 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे।

    लाभ

    1. 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए: शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों के लिए ₹1,000 प्रति माह।
    2. उच्च शिक्षा सहायता: सरकारी संस्थानों में डिग्री, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने वाले 18 से 27 वर्ष की आयु के छात्रों के लिए, इस योजना के तहत मुफ्त शिक्षा और छात्रावास की सुविधा उपलब्ध न होने की स्थिति में पीजी आवास के लिए 3,000 रुपये प्रति माह की सहायता प्रदान की जाती है।

    योजना दस्तावेज़

    इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना

    मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना

    भूमिका

    मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 16 फरवरी 2023 को शुरू की गई एक प्रमुख सामाजिक कल्याण पहल है। इस योजना का उद्देश्य अनाथों, परित्यक्त बच्चों, विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों, निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को व्यापक देखभाल, शिक्षा और सहायता प्रदान करना, उन्हें “राज्य के बच्चों” के रूप में मान्यता देना और उनका समग्र विकास सुनिश्चित करना है।

    उद्देश्य

    1. अनाथ और परित्यक्त बच्चों को राज्य के बच्चे घोषित करना तथा उनकी देखभाल, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    2. वित्तीय सहायता, आवास और कौशल विकास के माध्यम से निराश्रित महिलाओं और बुजुर्ग व्यक्तियों को सशक्त बनाना।
    3. स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, आजीविका और विवाह को कवर करने वाली समावेशी सहायता प्रदान करना।

    पात्रता

    1. हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी।
    2. 27 वर्ष से कम आयु के अनाथ, परित्यक्त या विशेष रूप से सक्षम बच्चे।
    3. वे निराश्रित महिलाएं जो या तो अविवाहित हैं या जिनके पति 7 वर्ष से अधिक समय से लापता हैं।
    4. बिना किसी सहायता के वरिष्ठ नागरिक।

    लाभ

    1. 0-14 वर्ष की आयु के बच्चे: सामान्य रखरखाव के लिए ₹1,000 प्रति माह।
    2. 14-18 वर्ष के बच्चे और निराश्रित महिलाएँ: ₹2,500 प्रति माह।
    3. 18-27 वर्ष की आयु के युवा वयस्क: ₹4,000 प्रति माह पॉकेट भत्ता; कोचिंग और छात्रावास शुल्क के लिए प्रति वर्ष ₹1,00,000 तक; जहां छात्रावास उपलब्ध नहीं हैं, वहां पीजी किराए के लिए ₹3,000/माह।
    4. आवास सहायता: 3 बीघा ज़मीन और घर बनाने के लिए ₹3,00,000।
    5. विवाह सहायता: पात्र लाभार्थियों के लिए विवाह सहायता के रूप में ₹2,00,000।
    6. स्व-रोज़गार सहायता: व्यवसाय या पेशा शुरू करने के लिए ₹2,00,000 का एकमुश्त अनुदान।
    7. शैक्षिक प्रदर्शन दौरा: 15 दिवसीय वार्षिक शैक्षणिक यात्रा जिसमें हवाई यात्रा और 3 सितारा होटल में ठहरना शामिल है।

    योजना दस्तावेज़

    मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देश

    बलात्कार, बाल दुर्व्यवहार और वस्तुकरण के नाबालिग पीड़ितों के पुनर्वास सहायता हेतु योजना

    भूमिका

    बलात्कार, बाल दुर्व्यवहार और वस्तुकरण के नाबालिग पीड़ितों के पुनर्वास सहायता हेतु यह योजना एक समर्पित पहल है, जिसका उद्देश्य पीड़ित बच्चों की सुरक्षा, उपचार और समाज में पुनः समावेशन सुनिश्चित करना है। यह योजना पीड़ितों को हुए शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक आघात को दृष्टिगत रखते हुए आपातकालीन सहायता, कानूनी सहयोग, मानसिक परामर्श, शिक्षा, आवास एवं दीर्घकालिक पुनर्वास जैसी सुविधाएं प्रदान करती है।

    उद्देश्य

    1. बलात्कार, शोषण और वस्तुकरण के शिकार नाबालिगों को त्वरित राहत और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करना।
    2. मानसिक परामर्श, चिकित्सीय देखभाल, शिक्षा एवं विधिक सहायता की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
    3. संरचित सहायता के माध्यम से दीर्घकालिक सामाजिक पुनःस्थापन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
    4. बाल सुरक्षा व पुनर्वास से जुड़ी संस्थाओं में बाल-संवेदनशील कार्यप्रणालियों को प्रोत्साहित करना।​

    पात्रता

    1. बलात्कार, शोषण अथवा वस्तुकरण की शिकार 16 वर्ष से कम आयु के नाबालिग जिन्हें पुलिस, बाल कल्याण समिति या सक्षम प्राधिकारी द्वारा चिन्हित किया गया हो।
    2. वे बच्चे जो तस्करी, अश्लीलता या किसी भी प्रकार के यौन शोषण से मुक्त कराए गए हों।
    3. हिमाचल प्रदेश के निवासी हों या राज्य की सीमा में पाए गए पीड़ित हों।

    लाभ

    1. मासिक वित्तीय सहायता: नाबालिग पीड़ितों को आजीविका सहायता के रूप में 21 वर्ष की आयु तक ₹7,500 प्रति माह प्रदान की जाती है।
    2. परामर्श सेवाएं: पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों को प्रशिक्षित परामर्शदाताओं द्वारा छह माह तक गहन मानसिक परामर्श प्रदान किया जाता है।
    3. समग्र पुनर्वास सहायता: शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और सामाजिक पुनःस्थापन हेतु सहायता प्रदान की जाती है, जिससे आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित हो सके।

    योजना दस्तावेज़

    बलात्कार, बाल दुर्व्यवहार और वस्तुकरण के नाबालिग पीड़ितों के पुनर्वास सहायता हेतु योजना

    असीम – ​विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को सक्षम बनाने, सशक्त करने और मुख्यधारा में लाने के लिए एक योजना

    भूमिका

    असीम योजना हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के समर्थन हेतु शुरू की गई एक दूरदर्शी पहल है। इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को सुलभ बुनियादी ढांचा प्रदान कर सक्षम बनाना, शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के अवसरों के माध्यम से सशक्त करना और सम्मान के साथ समाज में उनकी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करना है। योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता, सहायक उपकरण, पुनर्वास सेवाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर समावेशी वातावरण एवं समान अवसरों को बढ़ावा दिया जाता है।

    योजना दस्तावेज़

    असीम – ​विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को सक्षम बनाने, सशक्त करने और मुख्यधारा में लाने के लिए एक योजना

    दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना

    भूमिका

    दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के समग्र पुनर्वास हेतु शुरू की गई एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी पहल है। इस योजना के अंतर्गत दिव्यांग व्यक्तियों को शारीरिक, शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर बल दिया गया है। योजना में शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता, सहायक उपकरण, कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार, सुलभ बुनियादी ढांचा और चिकित्सीय पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे दिव्यांगजनों को सम्मानजनक, स्वतंत्र और समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।

    योजना दस्तावेज़

    दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना के दिशानिर्देश।

    संपर्क सूत्र

    बिलासपुर

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, द्वितीय तल कल्याण भवन, सर्किट हाउस के पास, बिलासपुर, हि०प्र० – 174001
    फ़ोन: 01978-221514, ईमेल: dpoblp[at]gmail[dot]com

    चंबा

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, द्वितीय तल कल्याण भवन, गैस एजेंसी के पास, चंबा, हि०प्र० – 176318
    फ़ोन: 01899-220307, ईमेल: dpochamba1[at]gmail[dot]com

    हमीरपुर

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, आई०सी०डी०एस०, एच०आर०टी०सी० वर्कशॉप के पास, हमीरपुर, हि०प्र० – 177001
    फ़ोन: 01972-225085, ईमेल: dpohamripur59[at]gmail[dot]com

    कांगड़ा

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, चिलगारी, धर्मशाला, हि०प्र० – 176215
    फ़ोन: 01892-227114, ईमेल: dpokangra[at]gmail[dot]com

    किन्नौर

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, शांति निवास, पांगी रोड, रिकांगपिओ, किन्नौर, हि०प्र० – 172107
    फ़ोन: 01786-223436, ईमेल: dpokinnaur[at]yahoo[dot]com

    कुल्लू

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, क्षेत्रीय अस्पताल के पास, कुल्लू, हि०प्र० – 175101
    फ़ोन: 01902-222105, ईमेल: kulludpo[at]yahoo[dot]com

    लाहौल-स्पीति

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, बीएसएनएल कार्यालय के पास, केलांग, हि०प्र० – 175132
    फ़ोन: 01900-222862, ईमेल: dpols2016[at]gmail[dot]com

    मंडी

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रथम तल, कल्याण भवन, मंडी, हि०प्र० – 175001
    फ़ोन: 01905-223845, ईमेल: dpowcd.mandi[at]gmail[dot]com

    शिमला

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, लतावा हाउस, निगम विहार, शिमला, हि०प्र०. – 171002
    फ़ोन: 0177-2627360, ईमेल: dposhimla[at]gmail[dot]com

    सिरमौर

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, अस्पताल परिसर, वीरग मोटर्स के पास, नाहन, हि०प्र० – 173001
    फ़ोन: 01702-225607, ईमेल: dpoicdssirmour01[at]gmail[dot]com

    सोलन

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, कल्याण भवन, सोलन, हि०प्र० – 173212
    फ़ोन: 01702-225607, ईमेल: dpo[dot]wcd[dot]sln[at]gmail[dot]com

    ऊना

    जिला कार्यक्रम अधिकारी
    महिला एवं बाल विकास विभाग, द्वितीय तल, कल्याण भवन, ऊना, हि०प्र०
    फ़ोन: 01975-228499, ईमेल: dpo2002una[dot]hp[at]gmail[dot]com